मुज़फ्फरनगर में सलीम मियां ने कांवड़ यात्रा के आदेश के तहत बदला नाम
मुज़फ्फरनगर: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानों और ढाबों पर धार्मिक पहचान स्पष्ट करने के आदेश के बाद, 25 साल से संचालित हो रहे संगम शाकाहारी भोजनालय के मालिक सलीम मियां को अपना नाम बदलना पड़ा है। योगी सरकार के नए निर्देशों के तहत, कांवड़ यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले सभी दुकानों और ढाबों को अब अपनी पहचान स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करनी होगी।
सलीम मियां का नया नाम और पहचान
सलीम मियां, जो दिल्ली-देहरादून हाईवे पर संगम शुद्ध शाकाहारी भोजनालय चला रहे थे, ने अब अपने ढाबे का नाम बदलकर “सलीम शुद्ध शाकाहारी भोजनालय” रख लिया है। इस बदलाव के तहत, सलीम मियां ने अपने ढाबे का रजिस्ट्रेशन भी नए नाम के साथ करवा लिया है। उनका कहना है कि उन्होंने इस नए आदेश के अनुसार अपनी पहचान को स्पष्ट करने में कोई आपत्ति नहीं जताई है। हालांकि, ढाबे की बाहरी ओर नए बोर्ड पर नया नाम लिखा गया है, लेकिन अंदर अभी भी पुराना नाम लिखा हुआ है। सलीम का कहना है कि भीतरी दीवारों पर नई पुताई की जाएगी और वहाँ भी नया नाम लिखा जाएगा।
योगी सरकार का आदेश और इसका प्रभाव
योगी सरकार का यह आदेश कांवड़ यात्रा मार्ग पर धार्मिक पहचान को स्पष्ट करने के लिए लिया गया है। इसके तहत, यात्रा मार्ग पर स्थित सभी दुकानों और ढाबों को अब अपने नाम स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करने होंगे ताकि कांवड़ यात्री जान सकें कि वे किस दुकान से सामान खरीद रहे हैं। सरकार ने हलाल सर्टिफिकेट वाले उत्पादों को लेकर भी यात्रा के दौरान आस्थावान यात्रियों की चिंता को ध्यान में रखते हुए यह आदेश जारी किया है।
सलीम मियां की प्रतिक्रिया
सलीम मियां ने कहा कि उनके ढाबे का नाम बदलने की प्रक्रिया में कोई परेशानी नहीं आई, और उन्होंने सरकार के आदेश का पालन किया है। वह अपने व्यवसाय की पहचान को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करने के लिए तैयार हैं, और इस कदम को धार्मिक समरसता और यात्रा की सुविधा बढ़ाने के प्रयास के रूप में देखते हैं।
अंतिम विचार
उत्तर प्रदेश सरकार का यह नया आदेश दुकानों और ढाबों को उनकी धार्मिक पहचान को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करने के लिए प्रेरित करता है, जिससे कांवड़ यात्रियों को यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा से बचाया जा सके। यह कदम धार्मिक सहिष्णुता और समाज में शांति बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।