इजराइल को अंतरराष्ट्रीय कोर्ट का झटका और हमास-हिजबुल्ला के खिलाफ संघर्ष: एक नई चुनौती

तेल अवीव/लेबनान/यमन- इजराइल को हाल ही में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) से एक बड़ा झटका लगा है, साथ ही हमास और हिजबुल्ला जैसे विद्रोही समूहों के हमलों से उसकी स्थिति और कठिन हो गई है। ICJ ने इजराइल के फिलिस्तीनी क्षेत्रों पर किए गए कब्जे को अवैध करार देते हुए इन इलाकों से तुरंत वापसी का आह्वान किया है।

 अंतरराष्ट्रीय कोर्ट का फैसला

इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने अपने ताजा फैसले में इजराइल के द्वारा फिलिस्तीनी इलाकों पर किए गए कब्जे को अवैध घोषित किया है। कोर्ट ने 1967 में इजराइल द्वारा वेस्ट बैंक, पूर्वी येरूशलम, और गाजा पट्टी पर कब्जा किए जाने की आलोचना की। कोर्ट ने कहा कि इजराइल ने अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया और फिलिस्तीनियों के अधिकारों का उल्लंघन किया। ICJ ने इजराइल को इन इलाकों से जल्द से जल्द वापसी करने का आदेश दिया है, हालांकि यह केवल एक सलाह है और इजराइल को इसे मानने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है।

 इजराइल की प्रतिक्रिया

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ICJ के फैसले को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। नेतन्याहू का कहना है कि यहूदी लोगों ने फिलिस्तीनी भूमि पर कब्जा नहीं किया है, बल्कि यह भूमि ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टिकोण से उनकी है। इस बीच, संयुक्त राष्ट्र में दार्शनिक राजदूत रियाद मंसूर ने ICJ के फैसले पर खुशी जताई है और कोर्ट का आभार व्यक्त किया है।

 विद्रोही हमले और सुरक्षा स्थिति

इजराइल को केवल अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना नहीं करना पड़ रहा, बल्कि हिजबुल्ला और यमन के हूती विद्रोहियों के हमलों से भी जूझना पड़ रहा है। हाल ही में, तेल अवीव में एक बड़ा विस्फोट हुआ जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और 10 लोग घायल हो गए। विस्फोट ने कई इमारतों को नुकसान पहुंचाया है। इस हमले के बाद इजराइल ने सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया है और आपातकालीन टीम राहत और बचाव कार्यों में जुट गई है।

 इजराइल और हूती विद्रोही

इजराइल ने आरोप लगाया है कि हूती विद्रोहियों ने ईरान के निर्मित ड्रोन का उपयोग कर हमले को अंजाम दिया है। हूती विद्रोहियों ने गाजा में इजराइल पर हमलों की जिम्मेदारी ली है और कई बार इजराइल को चेतावनी दी है। इस स्थिति में, इजराइल के प्रधानमंत्री ने सीमावर्ती क्षेत्रों में इजराइल के नियंत्रण को बनाए रखने का आश्वासन दिया है।

आगामी चुनौतियाँ और शांति की संभावनाएँ

प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने आगामी युद्ध विराम समझौते की चर्चा की है और गाजा सीमा पर इजराइल के नियंत्रण को सुनिश्चित करने की बात की है। हालांकि, फिलिस्तीन में शांति वार्ता और समझौते की दिशा में लगातार अड़चने आ रही हैं। नेतन्याहू की आगामी यात्रा और अमेरिका में संभावित राजनीतिक बदलाव के साथ, इजराइल के लिए आने वाले दिनों में नए राजनीतिक और सैन्य चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

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