नेपाल में त्रासदी: भूस्खलन के कारण दो बसें त्रिशूली नदी में गिरीं
नेपाल में भारी बारिश के बीच एक दुखद घटना में, शुक्रवार सुबह एक राजमार्ग पर भूस्खलन के कारण दो बसें त्रिशूली नदी में गिर गईं। इस दुर्घटना में चालक सहित सात भारतीय नागरिकों की मौत हो गई और 50 से अधिक यात्री लापता हो गए।
घटना का विवरण
भूस्खलन मध्य नेपाल में मदन-आशरी राजमार्ग पर लगभग 3:30 बजे हुआ। घटनास्थल पर मौजूद अधिकारियों के अनुसार, बसों में चालकों सहित कुल 63 लोग सवार थे। मीडिया रिपोर्ट्स पुष्टि करती हैं कि दुर्घटना में एक बस चालक सहित सात भारतीयों की जान चली गई। इस बीच, दो यात्री समय रहते बस से कूदकर अपनी जान बचाने में सफल रहे।
काठमांडू पोस्ट ने एक बस चालक की मौत की पुष्टि की और बताया कि लगातार भारी बारिश और नदी के तेज बहाव के कारण बचाव अभियान में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
नेपाल के प्रधानमंत्री ने जताया दुख
चितवन के मुख्य जिला अधिकारी इंद्रदेव यादव ने फोन पर समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि भूस्खलन के कारण नदी में गिरी बसों में से एक बस 24 यात्रियों को लेकर काठमांडू जा रही थी। दूसरी बस में 41 यात्री सवार थे।
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा, “नारायणगढ़-मुग्लिन रोड स्टेशन पर भूस्खलन में बस के बह जाने के बाद लगभग पांच दर्जन यात्रियों के लापता होने की खबरों से मैं बहुत दुखी हूं। मैं सभी सरकारी एजेंसियों को यात्रियों की तलाश करने और उन्हें सुरक्षित निकालने का निर्देश देता हूं।”
जारी खोज और बचाव प्रयास
बचाव दल लापता यात्रियों की तलाश के लिए प्रतिकूल मौसम की स्थिति से जूझ रहे हैं। लगातार हो रही बारिश और नदी की तेज धाराएं उनके प्रयासों में बाधा डाल रही हैं, जिससे स्थिति और भी चुनौतीपूर्ण हो गई है।
नेपाल में खराब मौसम का असर
पिछले एक सप्ताह में भारी बारिश ने नेपाल में व्यापक तबाही मचाई है। काठमांडू से भरतपुर जाने वाली सभी उड़ानें अगली सूचना तक रद्द कर दी गई हैं। पिछले सात दिनों में ही मौसम संबंधी घटनाओं के कारण 62 लोगों की मौत हो गई है और 90 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं। इनमें से 34 मौतें भूस्खलन के कारण हुईं, जबकि 28 बाढ़ के कारण हुईं। अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश ने कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं, जिससे 121 घर बह गए और 82 अन्य बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए।
भारत में प्रतिकूल मौसम की स्थिति
भारी बारिश से पीड़ित नेपाल ही एकमात्र देश नहीं है। उत्तरी भारत भी खराब मौसम की स्थिति का सामना कर रहा है। हिमाचल प्रदेश में पिछले दो हफ़्तों में बारिश से जुड़ी दुर्घटनाओं में 22 लोगों की मौत हो गई है। इसी तरह, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के कुछ हिस्सों में भारी बारिश ने कहर बरपाया है, बिहार में नदियाँ उफान पर हैं और बाढ़ और बिजली गिरने से कई लोगों की मौत की खबर है।
पापुआ न्यू गिनी में भूस्खलन
इससे संबंधित एक घटना में, पिछले महीने पापुआ न्यू गिनी के काओकलाम गांव में एक बड़े भूस्खलन में 2,000 से ज़्यादा लोग दब गए थे। भूस्खलन लगातार चार दिनों तक जारी रहा, जिससे माउंट मुंगालो का एक हिस्सा ढह गया और मलबे ने गांव को अपनी चपेट में ले लिया, जबकि निवासी सो रहे थे।
निष्कर्ष
नेपाल में हुई दुखद बस दुर्घटना भारी बारिश से होने वाली प्राकृतिक आपदाओं के विनाशकारी प्रभाव को उजागर करती है। बचाव अभियान जारी रहने के साथ, हमारी संवेदनाएँ और प्रार्थनाएँ पीड़ितों और अभी भी लापता लोगों के परिवारों के साथ हैं। यह घटना आपदा की तैयारी के महत्व और ऐसी आपदाओं के दौरान प्रभावी बचाव और राहत कार्यों की तत्काल आवश्यकता की एक स्पष्ट याद दिलाती है।