कांवड़ यात्रा पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: नेमप्लेट आदेश पर रोक

Abhishek Manu Singhvi on Kanwar Yatra: सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस ऋषिकेश रॉय और एसवीएन भट्टी की बेंच ने कांवड़ यात्रा रूट पर सभी दुकानों पर नेमप्लेट लगाने के मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी करते हुए शुक्रवार तक जवाब मांगा है।

सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ यात्रा रूट पर पड़ने वाली सभी दुकानों पर नेमप्लेट लगाने के उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है। कोर्ट ने इस आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर दोनों राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर शुक्रवार तक जवाब मांगा है।

नेमप्लेट मामला

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस ऋषिकेश रॉय और एसवीएन भट्टी की बेंच ने सोमवार को नेमप्लेट मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि श्रद्धालुओं को मानक स्वच्छता बनाए रखते हुए उनकी पसंद का भोजन परोसा जा सकता है।

 अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलें

वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी, याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए, ने कहा कि यह आदेश जबरन लागू करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा, “यह स्वैच्छिक है, लेकिन जबरन करवाया जा रहा है। जो नहीं मान रहे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और उन पर फाइन लगाया जा रहा है। यह आदेश दिल्ली से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर लागू हो रहा है, जिससे कई लोग अपनी आर्थिक स्थिति खराब कर रहे हैं।”

 जज एसवी भट्टी की कहानी

इस पर जज एसवी भट्टी ने अपनी कहानी साझा की। उन्होंने कहा, “एक जगह मुस्लिम और एक हिंदू मालिक वाला होटल था। मैं मुस्लिम वाले में जाता था, क्योंकि वहां इंटरनेशनल स्टैंडर्ड का पालन होता था।” उन्होंने पूछा, “कांवड़िये क्या चाहते हैं? वे भगवान शिव की पूजा करते हैं। क्या वे चाहते हैं कि खाना कोई खास कम्युनिटी उगाये, बनाये और परोसे?”

कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी करते हुए शुक्रवार तक जवाब देने को कहा है। कोर्ट ने तब तक किसी भी तरह की कार्रवाई पर रोक लगा दी है।

इस पोस्ट में हमने सुप्रीम कोर्ट द्वारा कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानों पर नेमप्लेट लगाने के आदेश पर रोक लगाने और विशेषज्ञ समिति के गठन के आदेश के बारे में जानकारी दी है। यदि आपको यह पोस्ट उपयोगी लगी हो, तो कृपया इसे शेयर करें और अपनी राय कमेंट में बताएं।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *